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ब्राह्मण समाज राजस्थान के गठन की आवश्यकता क्यों पड़ी? इस सम्बन्ध में यह बताना आवश्यक है कि मई 2000 में मुझे गौड विप्र समाज रामेश्वरधाम, जयपुर द्वारा मुे निर्विरोध अध्यक्ष बनाया गया। उस दो वर्ष की अवधि में 500 वर्गगज जमीन रामेश्वरधाम में भवन के लिए निःशुल्क दान में दिलवाई गई जिसकी रजिस्ट्री करवाकर बाउण्ड्री दीवार बनाते हुए कार्यालय के लिए एक टीनशेड का कमरा भी बनवाया गया है। उसी अवधि में ब्राह्मण समाज के अन्य वर्गों ने यह माँग उठाई कि आप द्वारा सर्व ब्राह्मण समाज का नेतृत्व किया जाना चाहिए।
सर्व ब्राह्मण समाज के हितों को देखते हुए वर्ष 2003-04 में ब्राह्मण समाज राजस्थान का गठन किया गया। जिसमें प्रदेश के सभी ब्राह्मण वर्गों को प्रतिनिधित्व दिया गया।
सभी ब्राह्मणों को साथ लेकर एक मंच पर बैठाकर सामूहिक एकता बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम मे समाज में यह माँग उठी कि ब्राह्मण समाज आर्थिक दृष्टि से इतना सम्पन्न नहीं है इसलिए भाजपा सरकार ने 19.06.2008 को 14 प्रतिशत आरक्षण अनारक्षित वर्ग को देने की घोषणा की। उसी 14 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण के लिए आन्दोलन चलाया जाना चाहिए। सर्वप्रथम दिनांक 31.07.2012 को स्टेच्यु सर्किल पर सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा विशाल प्रदर्शन कर कलेक्टर महोदय को ज्ञापन पेश किया गया। आन्दोलन को तेज करते हुए दिनांक 11.10.2012 व 12.10.2012 को 48 घण्टे का कलेक्ट्रट सर्किन पर धरना देकर संगठन के पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से सिर मुण्डन तक कराया तथा कलेक्टर महोदय को ज्ञापन दिया। गुर्जरों के आरक्षण को देखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई जो वर्तमान में विचाराधीन हैं। इसके बाद भाजपा सरकार ने इसकी पुनरावृत्ति करते हुए एक आयोग का गठन किया जिसकी रिपोर्ट आना शेष है।
समाज में युवक-युवतियों का विवाह होना भी एक समस्या बनता जा रहा है। इसके लिए 02 दिसम्बर 2017 को युवक-युवती परिचय सम्मेलन रखा गया जिसके सम्बन्ध में मधुर-मिलन स्मारिका जारी कर 800 युवकों व 375 युवतियों का पूर्ण बायो-डाटा प्रकाशित कराया गया।
संगठन में यह माँग उठी कि सामूहिक विवाह का भी आयोजन किया जाना चाहिए। इसके लिए 09 मार्च 2018 को निःशुल्क सामूहिक विवाह 21 जोडों का कराया गया। इसी क्रम में पूर्व में परिचय सम्मेलन 23.10.2011 व सामूहिक विवाह 06.11.2011 को अचरोल रिसोर्ट दिल्ली रोड जयपुर पर रखा गया था।
वैदिक परम्परा को सशक्त बनाने के लिए 131 ब्राह्मण बच्चों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार 10.12.2018 को चौमू में कराया गया। समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित कर ब्लड एकत्रित कराकर डोनेट किया गया।
समाज में बेरोजगारी की समसया विकराल रूप लेती जा रही है। इसके समाधान के लिए पारम्परिक व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए बेरोजगार युवकों को शिक्षि करने हेतु 11.05.2018 से 20.06.2018 तक का 41 दिवसीय निःशुल्क वेद वेदांग कर्मकाण्ड प्रशिक्षण शिविर का आयोजना रतनमाला आश्रम लक्ष्मीनारायणपुरा हरमाडा के पास जयपुर में किया गया। इसमें 161 युवकों ने अपना पंजीयन कराया। शिविर में रूद्राष्टाध्यायी, दुर्गासप्तशती का नियमित अभ्यास, विवाह संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, मूल शान्ति, गेहारम्य, गृह प्रवेश, महालक्ष्मी पूजन, वाहन पूजन, व अन्य सभी संस्कारों व अवसरों के लिए गणेश पूजा कर अभ्यास कराया गया। साथ ही हवन करना, वेदी का व मण्ड़लों का निर्माण करना भी सिखाया गया। प्रशिक्षणार्थियों के शारीसिक व मानसिक विकास के लिए नित्य व्यायाम, आसन, सूर्य नमस्कार, प्रशायोगासन, प्राणायाम, ध्यान (मेडीटेशन), सोऽहम् साधना, नाद योग, खेचरी मुद्रा व त्राटक साधना का अभ्यास कराया गया। क्षेत्र में जागृति हेतु नित्य सुबह रामधुनी के साथ प्रभातभेरी कराई गई। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस दिनांक 21.06.2018 के लिए सभी प्रशिक्षणार्थियों को योग का पूर्ण प्रशिक्षण दिया गया।
सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए भी संगठन द्वारा ठोस कदम उठाये जा रहे है। इसके लिए 8 मई 2018 को भगवान परशुराम जयन्ती के अवसर पर मृत्युभोज बन्द करने, दहेज प्रथा बन्द करने व शादियों को कम खर्चीली करने, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, व बेटी को बेटे के समान दर्जा देने व सर्वजातिय जिसमें एस.सी. व एस.टी. सहित सामूहिक समरसता बनाने के लिए समाज द्वारा संकल्प लिया गया।
अब संगठन की यह भावी योजना है कि संगठन के लिए भवन बनाने हेतु राज्य सरकार से जमीन लेने का आग्रह किया जावे। भवन में एक आधुनिक शिक्षा का महाविद्यालय चलाया जावे। ज्योतिष की नियमित पढाई कराई जावे। बेरोजगार युवक-युवतियों को कम्प्यूटर, सिलाई आदि का प्रशिक्षण दिया जावे। साथ ही प्रतिवर्ष एक निश्चित तिथि को सामूहिक विवाह का आयोजन किया जावे।
अम्बिकाप्रकाश पाठक
प्रदेश अध्यक्ष
ब्राह्मण समाज राजस्थान, जयपुर।